अलैंगिक प्रजनन में एक अकेले जीव में ही संतान उत्पन्न करने की क्षमता होती है।

इसके बाद जो संतान उत्पन्न होती है।

वह सिर्फ एक दूसरे के समरूप ही नहीं; बल्कि अपने जनक के हूबहू या एकदम समान होती है।

ये आकार में ही नहीं आनुवंशिक रूप से भी समान होती है।

ये Uniparental होते  है। मतलब एक ही जीव माता और पिता दोनों होता है।

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इनमे अर्धसूत्रीविभाजन, निषेचन, आनुवंशिक विभिन्नताए और युग्मक निर्माण की प्रक्रिया नही होती है।

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अलैंगिक प्रजनन चार प्रकार से होती है। विखंडन (Fission) – मुकुलन (Budding) – खंडन (Fregmentation) – पुनःरुद्धभवन (Regeneration)

एक जीव विभाजन करके नए जीव का बनना ही विखंडन कहलाता है।

जैसे – अमीबा एक कोशकीय जीव दो अलग अलग भागो में विभाजित हो जाता है, इस प्रक्रिया में जो