कोशिका सिद्धांत क्या है?

कोशिका सिद्धांत क्या है?

Image credit Unsplash.com:

By Indra Bhan

सन 1838 में जर्मनी की वनस्पति वैज्ञानिक मेथियस स्लाइडेन ने बहुत से वनस्पतियों का अध्ययन करके बताया कि पौधे अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर  बने होते हैं

और यह कोशिकाएं आपस में मिलकर ऊतकों का निर्माण करते हैं। उसके बाद 1839 में एक ब्रिटिश जंतु वैज्ञानिक थियोडोर श्वान ने जंतुओं का अध्ययन करके यह बताया कि

कोशिकाओं के बाहर एक झिल्ली मिल रही है जिसे आज के समय में जीव द्रव्यझिल्ली या कोशिका झिल्ली या प्लाज्मा  झिल्ली  या सेल मेंब्रेन कहते हैं। 

इन दोनों ने अध्ययन करके कोशिका सिद्धांत दिया कि जीव बहुत से कोशिकाओं से मिलकर बने हैं और ये कोशिकाएं बाहर से एक आवरण से गिरी हुई है जिसे कोशिका झिल्ली कहा गया।

लेकिन इनका सिद्धांत असफल रहा असफल क्यों रहा क्योंकि इनसे जब पूछा गया कि आपने तो यह बता दिया की जीव बहुत से कोशिकाओं से मिलकर बने हैं लेकिन

इन जीवों के विकास के साथ जो नई नई कोशिकाएं बन रही है यह कोशिकाएं कहां से आ रही है। यह बताने में इनका सिद्धांत विफल हो गया और कोशिका का सिद्धांत अधूरा रहा। 

उसके बाद 1855 में वैज्ञानिक रुडोल्फ बिर्चों ने बताया कि कोशिकाएं विभाजित होती है यानी कि जो पहले से कोशिकाएं होती हैं वह कोशिकाएं विभाजित होकर नई कोशिकाओं का निर्माण करती है।

तब जा करके यह कोशिका सिद्धांत पूरा हुआ। 

कोशिका के अंदर क्या क्या पाया जाता है?