जैव अणु क्या है? परिभाषा, प्रकार, उदाहरण, विश्लेषण, जानें सबकुछ

दोस्तों क्या आप जानना चाहते हैं कि जैव अणु क्या है? यदि हां तो यह लेख सिर्फ आपके लिए ही है क्योंकि इस लेख में हम इसकी परिभाषा, प्रकार, विश्लेषण और उदाहरण के बारे में जानेंगे, इसे आप शुरू से अंत तक पढ़िएगा आपको बहुत ही मजा आएगा, तो चलिए बिना समय बर्बाद किया शुरू करते हैं।

जैव अणु क्या है? What is Biomolecule in Hindi?

जितने भी कार्बनिक पदार्थ एक सजीव कोशिका के अंदर मिलते हैं उन्हें जैव अणु कहा जाता है। या एक सजीव या कोशिका के अंदर जो कार्बनिक पदार्थ जो अणुओं के रूप में मिलते हैं उन्हें जैव अणु कहा जाता है।

इस जीव मंडल में अलग-अलग प्रकार के जीव मिलते हैं और सभी जीव तत्वों से मिलकर बने हैं और यह तत्व मिलकर यौगिक बनाते हैं। सभी जीव के अंदर अलग-अलग रसायन है लेकिन जब हम सजीव की तुलना निर्जीव यानी की भूपर्पटी से करते हैं तो हमें पता लगता है कि तत्व वहां पर भी है तत्व यहां पर भी है। मनुष्य के शरीर में भी तत्व है और भूपर्पटी में भी तत्व है। पार्टिकुलर जब हम कार्बन और हाइड्रोजन की बात करते हैं तो इसकी मात्रा मनुष्य के शरीर में भूपर्पटी से अधिक मिलती है। यह बात हमारी एनसीईआरटी बुक में बताई गई है।

दूसरा हमने बोला कि मनुष्य के शरीर में जो चार तत्व है। हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन इनमें सबसे अधिक कौन सा तत्व है। तो इसमें सबसे ज्यादा ऑक्सीजन (O2) दुसरे नंबर पर कार्बन (C) तीसरे नंबर पर नाइट्रोजन (N) और चौथे स्थान पर हाइड्रोजन (H) है। O>C>N>H यह क्रम आपको याद रखना है।

हमारे शरीर में, पादप के शरीर में, जानवरों के शरीर में, बैक्टीरिया के शरीर आदि में रसायन मिलते हैं किस तरह के रसायन मिलते हैं चलिए जानते हैं।

jaiv anu, जैव अणु क्या है
जैव अणु क्या है?

मानव शरीर की बात करें या किसी सजीव की बात करें तो उसके अंदर दो तरह के पदार्थ मिलते हैं।

  1. कार्बनिक पदार्थ
  2. अकार्बनिक पदार्थ
जरूर पढ़ें -  तेल क्या है, सरसों का तेल, नारियल तेल, प्रकार, Oil in Hindi,

कार्बनिक पदार्थ किसे कहते हैं।

वे पदार्थ जिनमें कार्बन और हाइड्रोजन की श्रृंखलाएं मिलती है उन्हें कार्बनिक पदार्थ कहा जाता है।

कार्बनिक पदार्थ दो प्रकार के होते हैं।

  1. लघु या सूक्ष्म कार्बनिक पदार्थ
  2. दीर्घ या वृहत कार्बनिक पदार्थ
लघु कार्बनिक पदार्थ किसे कहते हैं?

जिन पदार्थों का आणविक भार 1000 डाल्टन से कम होता है उन्हें लघु कार्बनिक पदार्थ कहा जाता है। इसे लघु जैव अणु या लघु अणु भी कहा जाता है।

जेसे – अमीनो अम्ल

दीर्घ या वृहत कार्बनिक पदार्थ किसे कहते हैं?

जिन पदार्थों का आणविक भार 1000 डाल्टन से अधिक होता है उन्हें दीर्घ कार्बनिक पदार्थ कहा जाता है। इसे दीर्घ जैव अणु या दीर्घ अणु भी कहा जाता है

जैसे – प्रोटीन।

अकार्बनिक पदार्थ किसे कहते हैं?

वह पदार्थ जिसमें कार्बन हाइड्रोजन की श्रृंखलाएं नहीं मिलती है उन्हें अकार्बनिक पदार्थ कहा जाता है। यह अयान के रूप में हो सकते हैं यौगिक के रूप में भी हो सकते हैं। जैसे – जल, सोडियम क्लोराइड, कैल्शियम कार्बोनेट, सोडियम आयन, कैल्शियम आदि।

अब आपके दिमाग में चल रहा होगा कैसे पता चला कि अमीनो अम्ल छोटे अणुभार वाले हैं और प्रोटीन बड़े अणु भार वाले है। तो इसका पता लगाने के लिए हम करेंगे रासायनिक विश्लेषण।

रासायनिक संघटन का विश्लेषण

इसमें हम किसी जीव के ऊतक का टुकड़ा लेते हैं उसके बाद खरल व मुसल में ट्राईक्लोरोएसिटिक अम्ल के साथ इसको को पीसते हैं। पीसने के पश्चात एक पेस्ट बन जाता है जिसे कर्दम (Slurry) कहा जाता है उसके बाद इस पेस्ट को महीन कपड़े में रखकर कसकर निचोड़ लेते हैं।

इतना करने के बाद हमें दो पदार्थ प्राप्त होते हैं। एक वह होता है जो अम्ल में घुल जाता है और छन कर नीचे आ जाता है जिसे निस्यंद कहते हैं और दूसरा वह जो अम्ल में नहीं खुलता है कपड़े में ही रह जाता है उसे धारित कहते हैं। अब आप समझ सकते हैं कि जो कपड़े से छनकर नीचे आ रहा है उसका अणुभार कम होगा और जो छनकर नहीं आ रहा है उसका अणुभार अधिक होगा क्योंकि कपड़े में बहुत महीन छिद्र थीं।

जरूर पढ़ें -  आर्थोपोडा तंत्रिका तंत्र | परिचय, संरचना, घटक, कार्य, विशेषता

जो छनकर नीचे आ रहे हैं उसमें लघु अणु हैं। इसके साथ अकार्बनिक पदार्थ भी होंते हैं क्योंकि यह अकार्बनिक पदार्थ बहुलक नहीं बनाते हैं इसलिए इनका अणु भार बड़ा नहीं होता है, और छनकर नीचे आ जाते हैं यानि की ये भी अम्ल में घुलनशील हैं। दीर्घ अणु बड़े होते हैं और अम्ल में घुलनशील नहीं होते हैं इसलिए वे छन कर नीचे नहीं आ रहे थे।

कार्बनिक पदार्थ में अमीनो अम्ल, न्यूक्लियोटाइड क्षार, वसा अम्ल इत्यादि मिलते हैं। यह लघु अणु हैं और यही लघु अणु मिलकर दीर्घ अणु बनाते हैं। जैसे प्रोटीन, DNA, RNA इत्यादि।

DNA molecule
DNA

अभी तक तो हम लोगों ने कार्बनिक पदार्थ का विश्लेषण किया है अब हम अकार्बनिक पदार्थों का विश्लेषण करेंगे।

सबसे पहले हम किसी जीव का ऊतक लेंगे, चलिए हम एक हरी पत्ती ले लेते हैं। इस हरी पत्ती में कार्बनिक पदार्थ और अकार्बनिक पदार्थ दोनों मिलेंगे कार्बनिक पदार्थ में लघु अणु और दीर्घ अणु होंगे और अकार्बनिक पदार्थ में जल, खनिज, आयन, लवण आदि होंगे। सबसे पहले हम हरी पत्ती को तौलेंगे और इस भार को नम भार (wet weight) कहा जाता है। उसके बाद इस पत्ती को धूप में सुखाएंगे सूखने पर इसके अंदर से जल निकल जाएगा फिर इस पत्ती को तौलेंगे और इस भार को शुष्क भार (dry weight) कहा जाता है।

अब इस सूखी पत्ती को जलाएंगे, जलाने पर इसके अंदर कार्बनिक पदार्थ जल जाएंगे लेकिन अकार्बनिक पदार्थ नहीं जलेंगे जैसे खनिज, लवण, आयन आदि। जलाने पर जो अवशेष प्राप्त होता है उसे भस्म (राख) कहते हैं। उसमें अकार्बनिक पदार्थ बचे होते हैं जिसका हम अध्ययन करते हैं। तो इस तरह हम अकार्बनिक पदार्थों का विश्लेषण करते हैं। इस भस्म में अकार्बनिक तत्व कैल्शियम, मैग्नीशियम इत्यादि मिलते हैं और अकार्बनिक योगिक फास्फेट, सल्फेट इत्यादि होते हैं।

प्राथमिक और द्वितीययक उपापचयज क्या होते हैं?

यह क्या होते हैं देखिए सबसे पहले हम जान लेते हैं कि उपापचयज क्या होता है। वे सभी रासायनिक अभिक्रिया जो हमारे अंदर होते हैं उन्हें उपापचयज अभिक्रिया या उपापचयज कहते हैं। इन उपापचयज अभिक्रियाओं से शरीर में उत्पाद बनते हैं।

जरूर पढ़ें -  ड्रग्स क्या है/Drugs kya hota hai, प्रकार, उदाहरण, रोकथाम & नियंत्रण

अब मान लेते हैं कि मैं हूं एक पेड़ और मेरे अंदर कुछ ऐसे उत्पाद बनें जिसे मैं उपयोग में ले रहा हूं। जैसे मंड (स्टार्च) और यह स्टार्च एक पौधा भोजन के रूप में संचित करता है जिसे वह बाद में यूज कर सकता है। यही नहीं प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, न्यूक्लिक अम्ल, वसा इत्यादि उत्पाद को उपयोग में लेता है। लेकिन कुछ ऐसे उत्पाद भी बनते हैं जिनका कोई उपयोग नहीं है फिर भी बनते हैं। मैंने कहा दो तरह के ऐसे उत्पाद हैं जिनमें से एक का तो सीधा – सीधा उपयोग हो रहा है और जिनका सीधा – सीधा उपयोग हो रहा है उसे प्राथमिक उपापचयज कहते हैं। जैसे अमीनो अम्ल शर्करा इत्यादि।

लेकिन एक पेड़ या पादप के अंदर कुछ ऐसे पदार्थ भी बनते हैं जिनका कोई उपयोग नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि जब कोई उपयोग ही नहीं है तो बनते क्यों है। देखिए जब कोई रासायनिक अभिक्रिया होती है तो एक फाइनल प्रोडक्ट बनता है जिसकी आवश्यकता होती है लेकिन उसके साथ-साथ कुछ और भी प्रोडक्ट बन जाते हैं जिनकी आवश्यकता नहीं होती है उन्हें साइड प्रोडक्ट कहा जाता है।

ठीक उसी तरह जब कोई उत्पाद बन रहा होता है तो उसके साथ-साथ कुछ और भी प्रोडक्ट बन जाते हैं जिनका उपयोग नहीं होता तो ऐसे पदार्थों को द्वितीय उपापचयज कहा जाता है। जैसे एल्केलॉइड, फ्लेवेनोयड्स, प्रतिजैविक, रंगीन वर्णक, गोंद, वाष्पशील तेल, इत्र, मसाले, रबर, इत्यादि। इन उत्पादों का पेड़ पौधों के लिए कोई यूज है नहीं, लेकिन इसका यूज हम लोग करते हैं।

उत्तक के अंदर कौन सा कार्बनिक पदार्थ सबसे अधिक पाया जाता है?

प्रोटीन > न्यूक्लिक अम्ल > कार्बोहाइड्रेट > लिपिड। एक ऊतक के अंदर सबसे अधिक कार्बनिक पदार्थ प्रोटीन (10-15%) पाया जाता है उसके बाद न्यूक्लिक अम्ल (5-7%) उसके बाद कार्बोहाइड्रेट (3%) उसके बाद लिपिड (2%) होता है।

ऊतक के अंदर कौन सा अकार्बनिक पदार्थ सबसे अधिक होता है?

एक ऊतक के अंदर सबसे अधिक अकार्बनिक पदार्थ जल (70-90%) होता है।

निष्कर्ष

दोस्तों आशा करता हूं आपको यह लेख जैव अणु क्या है? के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी और यह आपके लिए हेल्पफुल भी रहा होगा यदि यह लेख आपको पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ और फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर कीजिए और इस लेख से सम्बंधित कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो कमेंट करके जरूर बताइए।

Leave a Comment

error: Content is protected !!