मोल किसे कहते है? परिभाषा, मोल प्रभाज, उदाहरण, जानें A-Z

हेलो दोस्तों , आज के इस लेख में हम जानेगे कि मोल किसे कहते हैं? (Mole kise kahte hain), मोल प्रभाज किसे कहते हैं? मोलरता, मोललता, नार्मलता, मोलर द्रव्यमान आदि किसे कहते है? ऐसे कई सवालो के जवाब हम इस लेख में जानेंगे तो चलिए बिना समय बर्बाद किये शुरू करते है।

मोल किसे कहते है? Mole Kise Kahte Hai?

मोल संकल्पना (Mole Concept) –

किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है, जिसमे उतने ही कण होते है, जितने परमाणु शुद्ध कार्बन-12 के 12 ग्राम में है।

किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या हमेशा समान होती है। चाहे वह कोई भी पदार्थ हो इस संख्या के सही निर्धारण के लिए कार्बन-12 परमाणु का द्रव्यमान, द्रव्यमान स्पेक्ट्रममापी द्वारा ज्ञात किया गया जिसका मान 1.992648*10-23 ग्राम प्राप्त हुआ। कार्बन के एक मोल का द्रव्यमान 12 ग्राम होता है अतः कार्बन में 1 मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी –

N =   12ग्राम/मोल12 C×परमाणु/1.992648×10-23 ग्राम प्रति12 C    

= 6.0221367×1023 = 6.022×1023 परमाणु/मोल ।

1 मोल में कणों की यह संख्या आवोगाद्रो संख्या कहलाती है, तथा ‘N’ या ‘NAसे प्रदर्शित करते है।

उदाहरण – 1 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 6.022×1023

इसलिए 3 मोल में ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या = 3*6.022×1023

    = 1.81×1024 परमाणु

दिए गए उदाहरण से यह पता चलता है कि ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या 1.81*1024 में व्यक्त करना अपेक्षाकृत कठिन कार्य है, इसलिए इन्हें 3 मोल ऑक्सीजन परमाणु के रूप में व्यक्त करना बहुत ही सरल है।

मोल किसे कहते है?
मोल किसे कहते है?

तो अभी तक हमने मोल किसे कहते है? इसके बारे में पढ़ा है अब हम इससे सम्बंधित प्रश्नों के बार में अध्ययन करेंगे

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मोलर द्रव्यमान किसे कहते है? Molar Dravyman Kise Kahte Hai?

मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) –

किसी भी पदार्थ के 1 मोल का जो द्रव्यमान होता है। उसका मोलर द्रव्यमान कहलाता है जिसे “M” से निरूपित करते है, जिसका मात्रक gm/mole होता है।

Gram में व्यक्त Molar द्रव्यमान संख्यात्मक रूप से आण्विक द्रव्यमान अथवा सूत्र के द्रव्यमान के बराबर होता है। जैसे –

M CO2 = CO2 का आण्विक द्रव्यमान

M CO2 = CO2 का सूत्र का द्रव्यमान

M CO2 = CO2 का मोलर द्रव्यमान

M CO2 = CO2

         = 12+32 = 44 ग्राम/मोल

Chemistry 11-12 PDF

ग्राम परमाणु द्रव्यमान किसे कहते है? Gram Parmanu Dravyman Kise Kahte Hai?

ग्राम परमाणु द्रव्यमान (Gram Atomic Mass) –

ग्राम परमाणु द्रव्यमान अथवा 1 ग्राम परमाणु किसी तत्व के 6.022×1023 परमाणुओं का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में व्यक्त किया जाता है।

उदाहरण – सोडियम (Na) का ग्राम परमाणु द्रव्यमान या सोडियम के 1 ग्राम परमाणु (अर्थात 23 ग्राम Na), सोडियम के 1 मोल परमाणुओं का द्रव्यमान है।

सामान्य रूप से इसे हम निम्नाकित प्रकार व्यक्त कर सकते है।

ग्राम परमाणु द्रव्यमान = एक ग्राम परमाणु = 1 मोल परमाणु = 6.022×1023 परमाणु

ग्राम आण्विक द्रव्यमान किसे कहते है?

ग्राम आण्विक द्रव्यमान (Gram Molecular Mass) –

ग्राम आण्विक द्रव्यमान अथवा 1 ग्राम मोल, पदार्थ ( तत्व अथवा यौगिक ) के 6.022×1023 अणुओं का द्रव्यमान होता है जिसे ग्राम में व्यक्त किया जाता है।

उदाहरण – CaC03 का ग्राम आण्विक द्रव्यमान या CaC03 का एक ग्राम मोल (या 100 ग्राम), CaC03 के 6.022×1023 अणुओं का ग्राम में द्रव्यमान में है।

सामान्य रूप से हम इसे निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते है।

ग्राम आण्विक द्रव्यमान = एक ग्राम मोल = 1 मोल अणु = 6.022×1023 अणु

मोलरता किसे कहते है? (What is Molarity in Hindi)

मोलरता (Molarity) –

किसी पदार्थ की मोलरता ग्राम अणुओं की वह संख्या है जो 1 लीटर विलयन में उपस्थित होता है उसे उस पदार्थ का मोलरता कहा जाता है। पदार्थ की मोलरता को “Mr” से निरूपित करते है। जिसका मात्रक मोल/लीटर अथवा मोलर होता है।

VL विलयन रखता है = n

1L विलयन रखता है = n/v

Mr = n/v

n = w/m.pt

Mr = w/mv          w = ग्राम में भार , m = अणुभार

   w = Mr.m.v /1000

मोललता क्या है? Molalta Kya Hai?

मोललता (Molality) –

किसी पदार्थ की मोललता ग्राम अणुओं की वह संख्या है, जो कि 1 किलो ग्राम विलायक में उपस्थित होता है उसे उस पदार्थ की मोललता कहा जाता है। मोललता का मात्रक मोल /किलोग्राम है जिसे मोलल भी कहा जाता है। इसे “Ml” से निरूपित करते है।

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Wkg विलयन रखता है = n

1kg विलयन रखता है = n /W(kg)

Ml = n /W(kg)

n = w /m 

    Ml = w /m×W(kg)

    w = Ml.m.W(gm) /1000

जहाँ Ml = पदार्थ की मोललता

    w = विलेय पदार्थ का भार

    m = विलेय पदार्थ का अणुभार

    W = विलायक का भार

नार्मलता (Narmality) –

किसी पदार्थ की नार्मलता ग्राम तुल्यांको की वह संख्या है जो कि एक लीटर आयतन में उपस्थित है। उसे उस पदार्थ की नार्मलता कहा जाता है। जिसे N से निरूपित करते है। 

ग्राम तुल्यांको की संख्या = e

VL विलयन रखता है    = e

1L विलयन रखता है    = e/v

          N = e/v

          e = w/E

E = पदार्थ का तुल्यांकी भार, जहाँ w = ग्राम में भार

  N = w/E. V[L]

  w = N.E V[ml] /1000  नार्मल = तुल्यांक/लीटर  

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नार्मलता तथा मोलरता में सम्बन्ध (Relation between Narmality and Molarity) –

माना w ग्राम विलेय पदार्थ की मात्रा एक मिलीलीटर विलयन में उपस्थित है।

     W = E N V (c.c) / 1000

        = m Mr. V (c.c) / 1000

चूँकि विलेय पदार्थ की मात्रा समान है। अतः

     E N V (cc) / 1000= m Mr V (cc) / 1000

    N/Mr = m/E = x

x = अम्लता, क्षारकता, भस्मता, संयोजकता, ऑक्सीकरण संख्या में परिवर्तन, धनायनो की संख्या, ऋणायनो की संख्या।

m/E = x

E = m/x  

तुल्यांकी भार = अणुभार/अम्लता

उदाहरण –

  1. HCl = हाइड्रोक्लोरिक अम्ल

    EHCl = MHCl/x

    EHCl = 1+35.5/1

      EHCl = 36.5 Ans

  • H2SO4 = सल्फ्यूरिक अम्ल

EH2SO4 = MH2SO4/x

       = 2+32+64/2

       = 98/2

       = 49 Ans

स्टाईकियोमीट्रिक गुणांक (Stoichiometric Coefficient) –

किसी भी संतुलित रासायनिक समीकरण में अभिकारक तथा उत्पादों के सूत्रों का गुणांक स्टाईकियोमीट्रिक गुणांक कहलाता है। जैसे –

2KClO3   ————-      2KCl + 3O2 

पोटैशियम क्लोरेट का स्टाईकियोमीट्रिक गुणांक 2 है तथा ऑक्सीजन का स्टाईकियोमीट्रिक गुणांक 3 है।

अंश प्रतिमिलियन [Parts Per Million (PPM)] –

    1 Million = 106

जब किसी विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा बहुत कम होती है। तो ऐसी स्थिति में विलयन की सांद्रता पीपीएम में नापी जाती है। किसी विलयन के मिलियन में विलेय पदार्थों के ग्रामो की संख्या PPM कहलाती है।

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     PPM =    विलेय पदार्थ की मात्रा ×106/विलयन की मात्रा  

जैसे – NaCl 10 PPM है तो इस कथन का अर्थ 106 ग्राम विलयन में 10 ग्राम सोडियम क्लोराइड घुला है।

मोल प्रभाज किसे कहते है? Mole Prabhaj Kise Kahte Hai?

मोल प्रभाज (Mole Fraction) –

किसी पदार्थ के ग्राम अणुओं की संख्या विलयन में उपस्थित कुल ग्राम अणुओं की संख्या के अनुपात को ही उस पदार्थ का मोल प्रभाज कहा जाता है।

इसलिए यह मोलो का अनुपात होता है अतः मोल प्रभाज की कोई इकाई नहीं होती है। किसी भी पदार्थ के मोल प्रभाज को “X” से निरूपित करते है।

माना कि किसी तत्व में दो पदार्थ A, B मिश्रित है।

मोल किसे कहते है

       प्रभाज = उसके/Total

   मोल प्रभाज  = उसके मोल/total मोल

   दाब प्रभाज  = उसके दाब/कुल दाब

जैसे –  XA = nA/nA+nB

        XB = nB/nB+nA

किसी भी तत्व में मोल प्रभाजो का योग एक के बराबर होता है।

       XA + XB = 1

आदर्श गैस समीकरण के अनुसार –

       PV = nRT

       PAV = nART    ———————-    (1)

       PBV = nBRT    ———————-   (2)

        PTV = (nA+nB)RT   ——————-   (3)

समीo  (1) को समीo (3) से भाग देने पर

        PAV / PTV = nA/ nA+nB

     PA / PT = XA

पदार्थ A का दाब प्रभाज = पदार्थ A का मोल प्रभाज

       PA / PT = XB

पदार्थ B का दाब प्रभाज = पदार्थ B का मोल प्रभाज

       PT = सम्पूर्ण दाब (Total Pressure)

किसी भी पदार्थ का दाब प्रभाज उसके मोल प्रभाज के बराबर होती है।

सीमान्त अभिकर्मक किसे कहते है? Seemant Abhikarmak Kise Kahte Hai?

सीमान्त अभिकर्मक (Limiting Reagent) –

वे अभिकर्मक जो पहले समाप्त हो जाते है, वे उत्पाद की मात्रा को सीमित कर देते है तो ऐसे ही अभिकर्मक सीमान्त अभिकर्मक कहलाते है।

       अथवा

वे अभिकर्मक जो कि रासायनिक अभिक्रिया में पूर्ण रूप से अभिक्रिया कर जाते है, तथा शेष नही बचते है। तो ऐसे ही अभिकर्मक सीमान्त अभिकर्मक कहलाते है। जैसे –

5 लीटर कार्बनमोनोऑक्साइड (CO) 2 लीटर ऑक्सीजन (O2) से अभिक्रिया करके कार्बनडाईऑक्साइड बनाते है। सीमान्त अभिकर्मक कहलाते है।

    2CO2 + O2 —————– 2CO2

Law = 2L + 1L

Reaction = 5L + 2L

Left = 1L + 0L

सीमान्त अभिकर्मक = O2

दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको मोल किसे कहते है?(What is mole in Hindi) के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको पसंद आई है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों की साथ शेयर करे जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके।

धन्यवाद

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