प्रतिरक्षा क्या है? Immunity in Hindi, जानिए A-Z,

हेलो दोस्तों आज हम बात करेंगे प्रतिरोधक क्षमता के बारें में, प्रतिरोधक क्षमता क्या है?(What is Immunity in Hindi) इसके बारे में अच्छी तरह से स्टेप बाई स्टेप जानेंगे तो चलिए शुरू करते है।

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प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा क्या है? (What is Immunity in Hindi).

प्रतिरक्षा (Immunity in Hindi) –

किसी भी जीव का शरीर हो वह अपनी रक्षा अनेको प्रकार से करता है। इंसानों का शरीर लगभग सभी प्रकार के विषों और रोगाणुओं से संघर्ष करता रहता है जो शरीर की अंगो और ऊतकों को नुकसान पहुचाने का प्रयास करते है। इस प्रकार की क्षमता को प्रतिरोधक क्षमता (immunity in Hindi) कहते है।

What is immunity in hindi

What is Immunity meaning in Hindi?

Immunity को हिन्दी प्रतिरक्षा या प्रतिरोधकता कहते है।   

दूसरे शब्दों में कहें तो रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रतिरोधक क्षमता (Immunity in Hindi)  कहते है।

उपार्जित प्रतिरोधकता (Acquired immunity in Hindi) –

अधिकांश इम्युनिटी विशेष प्रकार के इम्यून तंत्र द्वारा एक्टिव होती है। जो एंटीबाडीज का निर्माण करती है और लिम्फोसाइट्स को एक्टिव करता है। ये विशिष्ट बैक्टीरिया और विषों पर हमला करके उन्हें खत्म कर देते है। इस प्रकार के इम्युनिटी को उपार्जित प्रतिरोधकता (Acquired immunity in Hindi) कहते है।

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स्वाभाविक प्रतिरोधकता (Innate immunity in Hindi) –

परन्तु इम्युनिटी का एक अतिरिक्त भाग सामान्य प्रक्रिया से संचालित होता है न कि विशिष्ट रोगजनक जीवों के संचालन से। इसे स्वाभाविक प्रतिरोधकता (Innate immunity in Hindi) कहते है। इसके अंतर्गत निम्न आते है। –

  • फैगोसाईटोसिस (Phagocytosis) – जीवाणुओं और अन्य घुसपैठियों का भक्षण जो श्वेत रक्त कणों एवं ऊतक मैक्रोफेज तंत्र की कोशिकाए करती है।
  • खाना खाते समय निगले गए जीवाणुओं का आमाशय से निकलने वाले अम्ल (एसिड) और पाचक एन्जायमों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है।
  • त्वचा द्वारा जीवाणुओं को अन्दर जाने से रोकना का काम करना।
  • खून में ऐसे रसायन उपस्थित होते है जो विदेशी या बाहरी जीवों एवं विषों को नष्ट कर देते है।  

इनमे से कुछ निम्न प्रकार हैं –

लाइसोजाएम (Lysozyme) –

यह एक म्यूकोलाइटिक पालिसैक्केराइड है जो जीवाणुओं पर हमला करके उसे गला देता है।

बेसिक पॉलीपेप्टाइड (Basic Polypeptides) –

यह पॉलीपेप्टाइड कुछ प्रकार के ग्राम-पॉजिटिव जीवाणु से रिएक्शन करके उन्हें निष्क्रिय कर देते है।

Complement complex –

लगभग 20 प्रोटीन्स का एक तंत्र जिसे बैक्टीरिया नष्ट करने के लिए विभिन्न प्रकार से एक्टिव किया जा सकता है।

Natural Killer Lymphocyte –

ये विभिन्न कोशिकाओ, ट्यूमर कोशिकाओं एवं कुछ इन्फेक्टेड कोशिकाओं की पहचान कर खत्म कर सकते है।

       इस प्रकार स्वाभाविक प्रतिरोधकता इंसानों के शरीर को ऐसे रोंगों से जैसे – जानवरों में पैरालाइटिक विषाणुओं का संक्रमण – कैटल प्लेग, हॉग कालेरा, डिस्टेम्पर, आदि के प्रति प्रतिरोधक बनाते है।

इम्यून तंत्र की कोशिकाएं (Cells of the Immune System) –

प्रतिरक्षा तंत्र की महत्वपूर्ण विधियाँ जिससे वह कार्य करता है, विभिन्न प्रकार की कोशिकाओ से क्रियान्वित होता है प्रतिरक्षा तंत्र की सभी कोशिकाएं वयस्कों की अस्थि मज्जा (bone marrow) में एक ही प्रकार की प्लुरिपोटेंट कोशिकाओं (Pluripotent cells) से विकसित होती है। ये स्टेम कोशिकाओं से दो श्रृंखलाओं में विकसित होती है –

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लिम्फोइड लीनिएज (Lymphoid Lineage) – यह विभिन्न प्रकार की लिम्फोसाइट्स की रचना करती है।

मायलॉइड लीनिएज (Myeloid Lineage) – इससे फैगोसाइट्स एवं अन्य कोशिकाए उत्पन्न होती है।

लिम्फोइड लीनिएज (Lymphoid Lineage) – इस श्रृंखला में दो प्रकार की लिम्फोसाइट्स उत्पादित होती है।

  1. बीटा लिम्फोसाइट्स (β Lymphocytes)
  2. टी लिम्फोसाइट्स (T Lymphocytes)

β-एवं T-लिम्फोसाइट्स के अलावा एक तीसरी प्रकार की कोशिकाए होती है जिन्हें नल कोशिकाएं कहते है, यह भी बनती है नल कोशिकाएं β-एवं T-लिम्फोसाइट्स से एकदम अलग होती है, क्योंकि इनमे β-एवं T-सेल मार्कर्स नही पाए जाते है नल कोशिकाओं को पुनः दो वर्गो में विभाजित किया गया है –

किलर कोशिकाएं (k-Cells) – ये एंटीबाडीज पर आश्रित किलर कोशिकाएं होती है।

स्वाभाविक किलर कोशिकाएं (Nk-Cells) – ये एंटीबाडीज पर आश्रित नहीं रहती है।

मायलोइड लीनिएज (Myeloid Lineage) – इस श्रेणी में दो प्रकार की कोशिकाएं विकसित होती है।

  1. मोनोसाइट्स (Monocytes) –
  2. पालिमार्फोंन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स (Polymorphonuclear leucocytes) PMN :

       मोनोसाइट्स को पुनः मैक्रोफेजेज में भिन्नित किया गया है जबकि- पालिमार्फोंन्यूक्लियर ल्यूकोसाइट्स के अंतर्गत निम्न हैं –

  • इयोसिनोफिल्स (Eiosinophils)
  • बेसोफिल्स (Basophils)
  • न्यूट्रोफिल्स (Neutrophils)

       ऊपर दिए गये कोशिकाओ के अतिरिक्त,अनेक प्रकार की सहायक कोशिकाएं (Accessary cells) भी विकसित होती है। जो निम्न है –

एंटीजन अनुमोदित कोशिकाएं (Antigen presenting cells) –

β-एवं T-कोशिकाओं के लिए एंटीजन व्यवस्थापक कोशिकाओं का एक विशेष समूह जिन्हें एंटीजन प्रेजेंटिंग कोशिकाएं कहते है।

प्लेटलेट्स (Platelets) –

वह कोशिकाएं जो रक्त के थक्का बनने के साथ-साथ इम्यून अनुभव को भी संचालित करते है उन्हें प्लेटलेट्स कहते है।

मास्ट कोशिकाएं (Mast cells) – ये कोशिकाए बेसोफिल्स के समान होती है।

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प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं का उत्पत्ति (Origin of Cells of Immune System) –

बाद की भ्रुणिक अवस्था में केवल लाल अस्थि मज्जा एवं लिवर में हीमोपायसिस होती है और प्रारंभिक अवस्था में यह योक सैक में होती है।

लाल अस्थि मज्जा में सबसे मौलिक कोशिका, प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाए होती है। जिससे समर्पित स्टेम कोशिकाएं (Committed Stem Cells) का निर्माण होता है एक प्रकार की समर्पित कोशिका मायलोइड श्रृंखला (ग्रैनुलोसाइट्स, एरिथ्रोसाइट्स, प्लेटलेट्स एवं मोनोसाइट्स) को जन्म देती है तथा दूसरी प्रकार की लिम्फोसाइट्स (β एवं T दोनों प्रकार) को जन्म देती है।

स्टेम कोशिकाएं (Stem cells) –

स्टेम कोशिकाओं को हीमोसाइटोंब्लास्ट्स भी कहते है। ये अभिन्निकृत कोशिकाएं होती है तथा प्रतिरोधात्मक रूप में अक्षम होती है ये कोशिकाएं टाटियोंटेंट प्रकार की होती है। जिनमे सभी प्रकार की रक्त कोशिकाओं में विकसित होने की भ्रूणात्मक क्षमता होती है। स्टेम कोशिकाएं पायरिनोफिलिक साइटोंप्लाज्म की किनारी एवं लेप्टोक्रोमिटिक न्यूक्लिआई युक्त बड़ी आकृति की होती है।

ये कॉलोनी उत्तेजक कारको से प्रभावित होकर कोशिकाओं में गुणन एवं विभिन्निकरण करके प्रतीरूपन और प्रोजेनिटर कोशिकाओं की श्रृंखला बनाने में सक्षम होती है। इस प्रक्रिया में लिप्त मल्टीपोटेंशियल स्टेन कोशिकाओं को कॉलोनी फोर्मिंग यूनिट स्कीम (CFU-S) कहते है जो टिश्यू के सर्वप्रथम अध्ययन पर आधारित है।

दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको प्रतिरोधकता क्या है? (What is Immunity in Hindi) के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई होगी दोस्त अगर यह जानकारी पसंद आयी है तो इसे कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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