जीव विज्ञान किसे कहते हैं | परिभाषा, शाखाएं, जनक, Biology in Hindi

दोस्तों क्या आप ‘जीव विज्ञान’ जीरो से स्टार्ट करना चाहते है यदि हाँ तो यह आर्टिकल आप ही के लिए, क्योकि इस आर्टिकल में हम जीव विज्ञान (Biology in Hindi) को शुरू से बिलकुल जीरो से पढ़ेगे तो चलिए शुरू करते है।

What is biology meaning in Hindi?

Biology को हिंदी में “जीव विज्ञान” कहते है।

जीव विज्ञान किसे कहते हैं? What is biology in hindi?

जीव विज्ञान की परिभाषा –

विज्ञान की वह शाखा जिसमें  सजीवों का अध्ययन किया जाता है उसे जीव विज्ञान (Biology in hindi) कहा जाता है।

जीव विज्ञान के जनक कौन है? Who is Father of biology in hindi?

जीव विज्ञान के जनक “अरस्तु (Aristotle)” है। 

जीव विज्ञान शब्द किसने दिया?

जीव विज्ञान शब्द लैमार्क और ट्रीविरेनस ने दिया था। 

तो दोस्तों अब हम जानेंगे कि जीव विज्ञान (biology in hindi) की शाखाएं कितनी होती है यानि की जीव विज्ञान कितने प्रकार का होता है।

जीव विज्ञान की कितनी शाखाएं होती है? How many branches of biology in hindi?

जीव विज्ञान की मुख्य रूप से दो शाखाएं होती हैं।

जीव विज्ञान की शाखाओं के नाम –

  1. जंतु विज्ञान (Zoology)
  2. वनस्पति विज्ञान (Botany)
जंतु विज्ञान किसे कहते हैं? What is Zoology in hindi?

जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जंतुओं का अध्ययन किया जाता है उसे “जंतु विज्ञान” (Zoology) कहते हैं।

जैसे – मेढक, गाय, बिल्ली, मानव, बाघ, कुत्ता आदि।

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वनस्पति विज्ञान किसे कहते हैं? What is botany in hindi?

जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें सभी वनस्पतियों या सभी पादपों का अध्ययन किया जाता है उसे “वनस्पति विज्ञान” (Botany) कहते हैं।

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अब हम जानेंगे जंतु विज्ञान की कितनी उप शाखाएं होती है।

जंतु विज्ञान की शाखाएं (Branches of Zoology) –

Anatomy जब हम किसी जंतु का आंतरिक अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को एनाटॉमी कहा जाता है।

जैसे अगर हम अपने शरीर के अंदर के भागों का या अंदर का अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को एनाटॉमी कहा जाता है।

Anthropology जब हम मानव जाति के विकास का अध्ययन करते हैं तो  इस तरह के अध्ययन को एंथ्रोपोलॉजी कहा जाता है।

जैसे –  मानव जाति का विकास कपि, चिंपांजी गोरिल्ला आदि से हुआ है बहुत से लोग यह जानते हैं कि मानव का विकास बंदरों से हुआ है लेकिन मानव का विकास बंदरों से नहीं हुआ है। मानव का विकास कपियो से हुआ है।

Angiology जब हम जंतुओं के परिसंचरण तंत्र का अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को Angiology कहा जाता है।

Erechnology जब हम मकड़ियों का अध्ययन करते हैं तो इस अध्ययन को Erechnology कहा जाता है।

Psychobiology  जब हम जंतुओं के मनोवृति या मानसिक अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को साइकोबायोलॉजी कहा जाता है। 

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Zodiology जब हम पृथ्वी पर जंतुओं के वितरण का अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को Zodiology कहा जाता है। मतलब जब हम जंतुओं का अध्ययन करते हैं कि वह कहां रह रहा है किस वातावरण में रह रहा है तो इस तरह के अध्ययन Zodiology कहा जाता है।

Palaeontology – इसके अंतर्गत जीवो के जीवाश्म का अध्ययन किया जाता है अर्थात जीवो के जीवाश्मो का   अध्ययन करने को Palaeontology कहा जाता है। 

जीवाश्म किसे कहते हैं?

जीवों के अवशेषों को जीवाश्म कहा जाता है और इन्हीं जीवाश्म के अध्ययन को Palaeontology कहा जाता है।

Phylogeny – जब किसी भी जाति के विकास के इतिहास  का अध्ययन किया जाता है तो इसे फाइलोजेनी कहा जाता है। मतलब हम उस जाति के पूर्वजों का करते हैं।

Trophology – पोषणीय पदार्थों के अध्ययन को Traphology (पोषण विज्ञान) कहा जाता है। मतलब जो चीज हम खाते हैं उन्हें पोषण कहा जाता है और इन्हीं पोषण पदार्थों के अध्ययन को Trophology कहां जाता है।

Protozoology – प्रोटोजोआ के अध्ययन को प्रोटोजूलॉजी कहते हैं। 

Radiology – जीवों के ऊपर विकिरण प्रभाव का अध्ययन रेडियोलोजी कहलाता है। 

Sarchology – जीवों के पेशियों (मांस पेशियों) के अध्ययन को Sarchology कहा जाता है। 

Syndesmology – जीवों  के कंकाल संधियाँ और स्नायुओं के अध्ययन को Syndesmology कहा जाता है। या जीवो  के हड्डियों के जोड़ और वहां मिलने वाले लिगामेंट (स्नायु) अध्ययन को Syndesmology कहा जाता है। 

Serology – जब रुधिर सीरम का अध्ययन किया जाता है तो वह अध्ययन Serology कहलाता है।

सीरम किसे कहते हैं?

जब हमारे शरीर में कहीं पर भी कट जाता है तो वहां से रक्त निकलना शुरू हो जाता है और थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि रक्त थक्का बना देता है उसके बाद रक्त निकलना बंद हो जाता है तो रक्त में थक्का बनाने वाले कुछ कारक मिलते हैं और जब  इन कारको रक्त में से निकाल दिया जाता है तो बचे हुए तरल पदार्थ को सीरम कहा जाता है इसी सीरम के अध्ययन को सीरोलॉजी कहा जाता है। 

Taxonomy – किसी जीव जातियों के नामकरण और वर्गीकरण के अध्ययन को Taxonomy या वर्गिकी विज्ञान कहा जाता है। उदाहरण के लिए – मान लेते हैं कि हमें कोई एक नया जीव मिला और हमने उसका नामकरण और वर्गीकरण किया तो यह सारा अध्ययन टैक्सनॉमी या वर्गिकी विज्ञान कहलाता है।

Toxicology – जंतुओं के लिए विषैले पदार्थों और इन विषैले पदार्थों का इनके  शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है इस अध्ययन को टॉक्सिकोलॉजी कहा जाता है।

Enzymology – जब हम एंजाइमों (उत्प्रेरकों) का अध्ययन करते हैं तो इसे एंजाइमोलॉजी कहा जाता है।

Entomology – सभी कीट पतंगों के अध्ययन को एंटोंमोलॉजी कहा जाता है।

Genetics – जीवों के अनुवांशिक लक्षण एवं उनकी वंशागति का अध्ययन जेनेटिक्स कहलाता है।

Histology – जब हम सूक्ष्मदर्शी की सहायता से अंगों की ऊतकों का अध्ययन करते हैं तो इसे हिस्टोलॉजी कहा जाता है।

ऊतक किसे कहते हैं?

कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहा जाता है। 

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Haematology – जब  रक्त और रक्त से होने वाले रोगों का अध्ययन किया जाता है तो इसे Haematology कहा जाता है। 

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Helminthology – जब परजीवी कृमियों का अध्ययन किया जाता है तो इसे Helminthology कहा जाता है।

Herpetology – जब उभयचरो और सरीसृपो का अध्ययन किया जाता है तो इसे Herpetology कहा जाता है।

Ichthyology – मछलियों का अध्ययन Ichthyology कहलाता है।

Immunology प्रतिरक्षा तंत्र  के अध्ययन को इम्यूनोलॉजी कहा जाता है। 

Karyology –  कोशिका के अंदर पाई जाने वाले केंद्रक का अध्ययन कैरियोंलॉजी कहलाता है।

Morphology – जंतुओं की  बाहरी आकृति और रचना का अध्ययन Morphology कहलाता है।

Myology – पेशियों का अध्ययन Myology कहलाता है और Sarchology में भी पेशियों का अध्ययन किया जाता है। 

Mammalogy – सभी स्तनधारियों का अध्ययन Mammalogy कहलाता है। 

स्तनधारी किसे कहते हैं?

वह जंतु जिनमें स्तन ग्रंथियां पाई जाती है वे स्तनधारी जंतु कहलाते हैं। 

Melecology – मोलस्का और उनके खोलों का अध्ययन Melecology कहलाता है। 

Molecular biology – जब हम आणविक स्तर पर किसी  रसायन अध्ययन करते हैं तो उसे Molecular biology कहा जाता है।

Microbiology – जब हम सूक्ष्म जीवों का अध्ययन करते हैं तो इसे माइक्रोबायोलॉजी कहां जाता है

Neurobiology – हमारे शरीर के अंदर बहुत से तंत्र मिलते हैं जो मिलकर तंत्रिका तंत्र बनाते हैं इन्हीं तंत्रिका तंत्र के अध्ययन को न्यूरोलॉजी कहा जाता है। 

Osteology – हमारे आपके शरीर में हड्डियां  पाई जाती हैं। इन हड्डियों के अध्ययन को ओस्टियोलॉजी कहा जाता है।

Odontology – आपने देखा है कि हमारे और भी जंतुओं मैं दांत पाए जाते हैं इन्हीं  इन्हीं दांतो के अध्ययन को Odontology कहा जाता है।

Organology – सभी जंतुओं  के अंगों का अध्ययन Organology कहलाता है। 

Ornithology – सभी प्रकार के पक्षियों के अध्ययन को Ornithology कहा जाता है।

Ophiology/Serpentology – सांपों के अध्ययन को Ophiology/ serpentology कहा जाता है ।

Physiology – शरीर के विभिन्न भागों  के कार्यों का अध्ययन फिजियोलॉजी कहलाता है। 

Parasitology – परजीवी जीवों के अध्ययन को Parasitology कहा जाता है। 

Pathology – जब हम रोगों के लक्षणों और कारणों का अध्ययन करते हैं तो उसे पैथोलॉजी कहा जाता है। मतलब मान लेते हैं हमें रोग हुआ यह रोग किस कारण हुआ और इसके क्या लक्षण हैं  इन सभी का अध्ययन पैथोलॉजी कहलाता है। 

Eugenics – आनुवंशिकी के सिद्धांतों द्वारा मानव जाति की विकास का अध्ययन यूजिनिक्स कहलाता है। 

Cytology – कोशिकाओं के अध्ययन को साइटोलॉजी कहा जाता है। या जब हम कोशिकाओं का अध्ययन करते हैं तो इस अध्ययन को साइटोलॉजी या कोशिका विज्ञान कहा जाता है।

Craniology – करोटि का अध्ययन क्रेनियोलॉजी कहलाता है। करोटि क्या होता है हमारा मस्तिष्क एक हड्डी के ढांचे के अंदर होता है इस ढांचे को करोटि कहा जाता है इसका अध्ययन ही क्रेनियोलॉजी कहलाता है। 

Endocrinology – अंतः स्रावी ग्रंथियों  का अध्ययन एंडोक्राइनोलॉजी कहलाता है। 

Embryology – जब युग्मनज से भ्रूण का विकास होता है तो इस विकास के दौरान कई अवस्थाये आती है इन अवस्थाओ का अध्ययन Embryology कहलाता है। 

वनस्पति विज्ञान की शाखाएं (Branches of Botany) –

Agrostology – जब हम घासो का अध्ययन और पालन करते हैं तो  यह Agrostology कहलाता है।

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Histology – ऊतकों का अध्ययन Histology कहलाता है पादप ऊतकों का अध्ययन पादप हिस्टोलॉजी कहलाता है और जंतुओं ऊतकों का अध्ययन जंतु हिस्टोलॉजी कहलाता है।

Algology – शैवालो का अध्ययन Algology कहलाता है 

Anthology – फूलों या पुष्पों का अध्ययन Anthology कहलाता है। 

Taxonomy – जब हम पादपों का नामकरण और वर्गीकरण करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को Taxonomy कहा जाता है। या पादप नामकरण और वर्गीकरण का अध्ययन Taxonomy कहलाता है।

Spermology – जब हम बीजों का अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को Spermology कहा जाता है। जैसे –  मटर का दाल, गेहूं, चावल,चना इत्यादि।

Spacebiology – जब हम अंतरिक्ष में स्थित पादपों का अध्ययन करते हैं तो इस तरह के अध्ययन को  स्पेसबायोलॉजी कहा जाता है यानी कि जब कोई व्यक्ति या साइंटिस्ट पृथ्वी से पादप को अंतरिक्ष यान द्वारा अंतरिक्ष  मैं ले जाता है और वहां पर उस वातावरण में उस  पादप का अध्ययन करता है तो इसे अन्तरिक्ष जीव विज्ञान (Space Biology) कहा जाता है।

Phytogeography – जब हम पौधों  के वितरण और उनके कारणों का अध्ययन करते हैं तो इस अध्ययन को फाइटोजियोग्राफी कहा जाता है। यानी कि कौन सा कौन  पौधा कहां हो रहा है और कहां नहीं हो रहा है और क्यों इस स्थान पर हो रहा है और उस स्थान पर नहीं हो रहा है इसका कारण क्या है इस तरह के अध्ययन को फाइटोजियोग्राफी कहा जाता है। 

Pteridology – टेरिडोफाइटस का अध्ययन pteridology कहलाता हैं।

Bacteriology – जीवाणुओं का अध्ययन बैक्टीरियोलॉजी कहलाता है।

Bryology – ब्रायोफाइटा का अध्ययन Bryology कहलाता है। 

Cytology – इसके अंतर्गत कोशिकाओं का अध्ययन किया जाता है। 

Dendrology – वृक्षों और झाड़ियों का अध्ययन Dendrology कहलाता है।

Dendrochronology – इसके अंतर्गत वृक्षों के आयु का अध्ययन किया जाता है।

Ecology – जब हम पौधों का वातावरण से क्या संबंध है इसका अध्ययन करते हैं तो इसे इकोलॉजी कहा जाता है।

Floriculture – जब हम सजावटी पुष्पों या फूलों को उगाते है और उसका अध्ययन करते हैं तो इस तरह केअध्ययन को फ्लोरीकल्चर कहा जाता है। 

Forestry – जब हम वनों या जंगलों का अध्ययन करते हैं तो वह फॉरेस्ट्री कहलाता है। 

Gerontology – जब हम आयु के साथ जीवो में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन करते हैं तो यह Gerontology कहलाता है। 

Lichenology – लाइकेनो का अध्ययन Lichenology कहलाता है है

Limnology – झीलों और अलवणीय जलीय पादपों का अध्ययन Limnology कहलाता है। 

Morphology – पादपों का बह्यीय संरचनाओं का अध्ययन Morphology कहलाता है। 

Mycology – कवको का अध्ययन Mycology कहलाता है।

Mycoplasmology – माइकोप्लाजमा का अध्ययन माइकोप्लाजमोलॉजी कहलाता है।

Paleobotany – इसके अंतर्गत पादपों के जीवाश्म का अध्ययन किया जाता है

Palenology – पराग कणों का अध्ययन Palenology कहलाता है।

Pathology – पादप रोगों और उनके उपचार का अध्ययन पैथोलॉजी कहलाता है।

Pedology – मिट्टी या मृदा का अध्ययन पीडोलॉजी कहलाता है। 

Phycology – शैवालो का अध्ययन phycology कहलाता है इसे एल्गोलोजी भी कहा जाता है। 

Pharmacology – ऐसे  पादप जिनसे औषधियां प्राप्त होती है ऐसे  पादपों के अध्ययन को Pharmacology कहा जाता है। 

Pomology – फलों के अध्ययन को Pomology कहा जाता है।

Virology – विषाणुओ  के अध्ययन को Virology कहा जाता है।

Horticulture – जब हम पादपों को फलों और सब्जियों के लिए उगाते हैं और साथ मैं उसका अध्ययन करते हैं तो इसे हॉर्टिकल्चर कहा जाता है। 

Silviculture – वन में वृक्षों और उनकी उत्पादों का अध्ययन सिल्विकल्चर कहलाता है।

Tissue culture – जब हम किसी पादप का ऊतक लेकर उसका संवर्धन का अध्ययन करते हैं तो इसे टिशू कल्चर कहा जाता है। सरल भाषा में कहें तो किसी पादप का  टिशू लेकर उसका  वृद्धि करके उसको एक पेड़ बना दें तो इसे टिशू कल्चर कहा जाता है। 

आशा करता हूँ दोस्तों दी गई जांनकारी आपको पसंद आयी होगी अगर पसंद आयी है तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिये

धन्यवाद

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