तेल क्या है, सरसों का तेल, नारियल तेल, प्रकार, Oil in Hindi,

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस वेबसाइट पर, दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि तेल क्या है? (What is Oil in hindi?) इसके बाद और भी कुछ तेलों के बारे में बात करेंगे तो चलिए शुरू करते है।

तेल क्या है? (What is Oil in hindi?)

तेल (Oil) एक जटिल रासायनिक यौगिक है। ये ग्लिसीरोल के ट्राइएस्टर (Triesters) होते है जिनमें मुख्य रूप से पामेटिक अम्ल (Palmatic acid), स्टीयरिक अम्ल (Stearic acid) तथा  औलिक अम्ल (Oleic acid) आदि कार्बनिक अम्लो की लंबी श्रृंखला होती है।

दूसरे पदार्थों की तरह तेल भी पौधों के विभिन्न भागों में उपस्थित रहते हैं। आधुनिक युग में तेलों का उपयोग बहुत ही अधिक बढ़ गई है और यह मनुष्य जीवन के रोज की आवश्कताओ में बहुत ही आवश्यक हो गया हैं।

तेल कितने प्रकार के होते हैं? (How many types oil in hindi?)

मुख्य रूप से तेल को दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है।

  • आवश्यक तेल (Essential oils)
  • वसीय तेल (Fatty oils)

आवश्यक तेल क्या होता है? (What is essential oil in hindi?)

आवश्यक तेल (Essential oils) –

रासायनिक रूप से आवश्यक तेल कई कार्बनिक पदार्थों जैसे बेंजीन व्युत्पन्न, टर्पीन और विभिन्न हाइड्रोकार्बन और सीधी-श्रृंखला यौगिकों का एक संयोजन होता है।

तेल Oil in Hindi
तेल (Oil in hindi)

वसीय तेल क्या होता है? (What is fatty oil in hindi?)

वसीय तेल अवाष्पित होते हैं  और इनमें ग्लिसरीन वसा अम्ल युक्त होती है। रासायनिक दृष्टिकोण से वनस्पति वसीय तेल जंतु वसा के लगभग समान होती है। वसीय तेल सामान्य तापक्रम पर ठोस होते हैं और इनमें प्रायः ओलिक अम्ल होता है।

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वसा समान तापक्रम पर ठोस होते हैं और इनमें प्रायः स्टीयरिक अम्ल या पामेटिक अम्ल होते हैं। ये वसीय तेल पानी में अघुलनशील और कई कार्बनिक विलयेको में घुलनशील होते हैं। जब वसा (fats) को किसी क्षार के साथ  उबाला जाता है। तब यह विच्छेदित होकर वसा अम्ल क्षार के साथ संयुक्त होकर साबुन बनाता है।

वसीय तेल उष्ण व शीतोष्ण भागों में पाए जाने वाले बहुत से कुल (families) में विभिन्न पौधों से प्राप्त होते हैं। यह तेल अधिकांश पौधों के बीजों में तथा कभी-कभी फलों स्तंभों तथा अन्य पादप अंगों में पाए जाते हैं। बहुत सी वसीय तेल खाने योग्य होते हैं  और इंसानों द्वारा सुरक्षा पूर्वक खाए जाते हैं। प्रायः खाने योग्य तेल हाइड्रोजीनेशन की विधि द्वारा तैयार किए जाते हैं।

वसीय तेलों का वर्गीकरण कीजिये? (Classification of fatty oils in hindi?)

वसीय तेल या वनस्पति तेल –

वसीय तेल चार प्रकार के हो सकते है।

  1. शुष्कन तेल या सूखने वाला तेल (Drying oil)
  2. मंद शुष्कन तेल (semi drying oil)
  3. अशुष्कन तेल (Non drying oil)
  4. वसा या चर्बी (Fats or Tallows)
वसीय तेलों की उपयोगिता लिखिए।
  1. उसी तेल इंसानों के जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है इसके कुछ मुख्य उपयोग है।
  2. बहुत से हाइड्रोजीनेटिड वसीय तेल खाना बनाने में उपयोग होते हैं।
  3. बहुत से वसीय तेल जैसे अलसी का तेल पेंट उद्योग में प्रयोग होते हैं।
  4. कुछ तेल रेजिन व रंगों के मिलाने से पेंट वार्निश में  परिवर्तित किए  जा सकते हैं।
  5. बहुत से वसा अम्ल व तेल साबुन  बनाने में प्रयोग होते हैं।
  6. कुछ वसीय तेल जैसे सरसों का तेल खाना बनाने में प्रयोग किया जाता है।

नारियल तेल के बारे में लिखिए। (Coconut oil in hindi)

यह तेल पामी कुल (Family palmae) के पौधे क्रोकोस (Cocos uncifera) के बीज के शुष्क भ्रूणपोष  (dried endosperm) से प्राप्त किया जाता है। यह एक सबसे अधिक प्रयोग होने वाला वसीय तेल (Fatty oils) है। यह तेल सफेद या हल्के पीले रंग का होता है जो प्रायः 74 डिग्री फारेनहाइट तापक्रम से नीचे ठोस तथा 78 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर द्रव रहता है।

नारियल तेल (Coconut oil in hindi)
नारियल तेल (Coconut oil in hindi)

नारियल की फल को तोड़कर इसके ऊपरी भाग को निकाल करके रफल अथवा नेट को खोल (Split up) लेते हैं और इसको कृत्रिम या धूप से सुखा लेते हैं। यह सूखा भाग अब कोपरा (copra or meat) कहलाता है। इसके बाद इस को पीसकर तेल अनेक तरीको से निकाल लेते हैं। यह लगभग 65 से 80 प्रतिशत तक तेल प्रदान करता है। शुद्ध नारियल का तेल जो है वह खाने योग्य होता है और यह भोजन के लिए काफी मात्रा में उपयोग होता है।

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यह तेल अच्छी टाइप की साबुन, कांतिवर्धक वस्तुएं (cosmetics), शेविंग क्रीम, शैंपू और अन्य श्रृंगार प्रसाधन बनाने में प्रयोग होता है। सिर्फ यही एक ऐसा तेल है, जिसका प्रयोग समुद्री साबुन बनाने में किया जाता है। नारियल के वृक्ष समुद्री किनारों पर पाए जाते हैं। यह प्रायः श्रीलंका भारत फिलीपींस आदि में पाए जाते हैं।

भारत में केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मैसूर, पश्चिम बंगाल और आसाम मुख्य है जहां पर ये पौधे बहुत अधिक संख्या में मिलते हैं।

मूंगफली के तेल पर टिप्पणी लिखिए।

मूंगफली का तेल (Pea nut oil) – 

यह तेल लैग्यूमीनेसी कुल (family leguminaceae) के पौधे एरेकिस हाइपोजिया (मूंगफली का पौधा) के बीज अथवा नट से प्राप्त किया जाता है। यह पौधा शायद ब्राजील का मूल निवासी है और अब भारत यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका चीनू अफ़्रीका में उगाया जाता है।

मूंगफली का पौधा एक विशेष प्रकार का होता है क्योंकि इसमें पुष्प वायुवीय होते हैं तथा यह पुष्परागम व निषेचन (Pollination and fertilization) के तुरंत बाद भूमि के अंदर ले जाते हैं और इस प्रकार इसके फल मूंगफली (ground nut) मिट्टी के नीचे उत्पन्न होते हैं।

पौधे बीजों अथवा नट से तेल अधिक दाब द्वारा एक्सपेलर या तेल का कोल्हू की सहायता से निकाला जाता है। इसका शुद्ध किया हुआ तेल हाइड्रोजीनेशन द्वारा वनस्पति घी (Vegetable Ghee) में परिवर्तित करके खाना पकाने में प्रयोग होता है।

यह तेल साबुन बनाने उजाला करने चिकनाई (lubricant) आदि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसकी खल (खरी) प्रोटीन युक्त होती है और मुख्य जंतुओ का खाद्य पदार्थ होता है।

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सरसों के तेल पर टिप्पणी लिखिए (What is mustard oil in hindi?)

सरसों का तेल भारत का एक प्रमुख तेल है यह क्रुसीफरी कुल (Family cruciferae) के वंश (genera) ब्रेसिका की विभिन्न जातियों जैसे B. campestris, B. napus, B. rapa आदि के बीजों से प्राप्त किया जाता है इन बीजों में लगभग 30 से 45  प्रतिशत तब तेल होता है जो प्रायः एक एक्सपेलर मशीन अथवा  तेल के कोल्हू द्वारा निकाला जाता है। यह पौधे भारत, चीन, जापान व यूरोप में प्रमुख रूप से उगाए जाते हैं।

यह तेल लैंपो में ऊनी सामानों, साबुन आदि के निर्माण में प्रयोग होता है।  इसका शुद्ध तेल खाने योग्य होता है। यह तेल मशीनों में चिकनाई के लिए तथा बालों के तेल के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका खल यानी की खरी एक प्रमुख जंतुओं का खाद्य पदार्थ है।

तिल  के तेल पर टिप्पणी लिखिए। (What is til oil in hindi?)

यह तेल कुल पैडिलयेसी (Family pedaliaceae) के एक वर्षीय शाकीय पौधे सीसेमम इंडिकम के बीजों से प्राप्त होते हैं। यह भारत का एक प्रमुख तेल है और बहुत प्राचीन काल से ही ये पौधे चीन व भारत में उगाये जा रहे हैं। इनकी बीजों में लगभग 50% तेल होता है तथा तेल दाब यानी कि प्रेशर द्वारा निकाला जाता है।

इसका शुद्ध तेल खाने में और औषधि  बनाने में प्रयोग  होता है। यूरोपीय देशों में इस तेल का यूज भोज्य पदार्थों में अनिवार्य रूप से किया जाता है। यह तेल साबुन बनाने व चिकनाई के रूप में भी प्रयोग किया जाता है इसका खल या खरी एक अच्छा जंतुओं का खाद्य पदार्थ है।

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धन्यवाद

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